Founder/Chairperson
जय नारायण सिंह मेमोरियल डिग्री कॉलेज की स्थापना वर्ष 2005 -06 में फतेहपुर में शैक्षिक माहौल को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से की गयी थी। महाविद्याालय में ‘‘विद्या धनम् सर्व धनम् प्रधानम्’’ के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा देने का प्रयास शुरू किया गया। फतेहपुर जनपद अपनी स्थापना के समय से ही भारत के अति पिछड़े जिलों में से एक है। फतेहपुर जनपद में व्याप्त आर्थिक व सामाजिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिये विभिन्न सरकारों, समूहों तथा विभिन्न व्यक्तियों की तरफ से निरंतर प्रयास किये जाते रहे हैं। महाविद्यालय की स्थापना इन्हीं विभिन्न प्रयासों को गति देने के उद्देश्य से की गई है। इस महाविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य केवल किताबी शिक्षा को उपलब्ध कराना नहीं है अपितु विद्यार्थियों को मूल्यपरक एवं रोजगार परक शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत एक अनुशासित नागरिक भी बनाना है। हमारे देश में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश भारत में रखी गयी थी, जिसका उद्देश्य काले अंग्रेज पैदा करना था, परन्तु स्वतंत्रता के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया तथा स्वतंत्रता आंदोलन के क्रमिक चरणों के दौरान सीखे गये मूल्यों को आत्मसात करते हुये आधुनिकता व परम्परा के मेल से शिक्षा के बृहत् उद्देश्यों का निर्माण किया गया। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुये ठा0 युगराज सिंह महाविद्यालय में ऐसी शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, जोकि बहुआयामी हो, रोजगारपरक हो तथा तकनीकी ज्ञान से युक्त हो। प्रारम्भ में सात विषयों (हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास तथा गृह विज्ञान) में बैचलर आफ आटर््स (बी0ए0) तथा पाँच विषयों (गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान) में बैचलर आफ साइंस (बी0एस-सी0) की मान्यता के साथ महाविद्यालय का आरम्भ हुआ। कालान्तर में सन् 2016 से कला एवं मानविकी के सात विषयों ( हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास तथा गृह विज्ञान) तथा विज्ञान वर्ग के पाँच विषयों (गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान) में परास्नातक कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। इसी वर्ष स्नातक स्तर पर बी0ए0 कार्यक्रम के अन्तर्गत उर्दू तथा भूगोल तथा बैचलर आफ कामर्स (बी0काम0) कार्यक्रम का भी संचालन आरम्भ किया गया।
फतेहपुर जिले के आर्थिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन तथा रोजगार को लेकर वर्तमान् की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति अनेक रोजगारपरक उपाधि कार्यक्रमों की मान्यता लेने हेतु प्रयासरत है। सन् 2017 में इस दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए डी0एल0एड0 (बी0टी0सी0) कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय में आरम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त भविष्य में एम0काम0, द्विवर्षीय बी0एड0, चार वर्षीय बी0एड0 (आई0टी0ई0पी0), तीन वर्षीय एलएल0बी0, पाँच वर्षीय बी0ए0एलएल0बी0, बी0फार्मा, डी0फार्मा0, बी0एस-सी0 नर्सिंग, ए0एन0एम0, जी0एन0एम0 जैसे विभिन्न रोजगारपरक उपाधि कार्यक्रमों की मान्यता लेने के लिए हम प्रयासरत् हैं। इसके साथ ही वर्तमान् में तकनीक का प्रयोग जिस प्रकार हमारे दैनिक जीवन में बढ़ा है, उसको दृष्टिगत रखते हुये हमारे महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं को हम तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस हेतु हमने महाविद्यालय में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की है तथा इंटरनेट आदि की सुविधाओं से युक्त साइबर लाइब्रेरी के विकास हेतु हम निरंतर प्रयासरत हैं। महाविद्यालय में ई-बुक, ई-मैगजीन आदि की व्यवस्था की गयी है।
वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में उच्च शिक्षा का महत्व काफी बढ़ गया है। ऐसे में महाविद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं का दायित्व भी बढ़ा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में निरन्तर वृद्धि के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इन निर्देशों के अनुपालन में महाविद्यालय प्रबन्धतन्त्र ने अनेक निर्णय लिए हैं जिनमें महाविद्यालय का नैक द्वारा मूल्यांकन यथाशीघ्र कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही महाविद्यालय परिसर में पर्यावरण की संरक्षा एवं सुरक्षा में योगदान देने के लिए विभिन्न प्रयास भी किए जा रहे हैं।
महाविद्यालय में प्रवेश ज्ञान प्राप्त करने का प्रथम चरण है। यही वह समय है जब छात्र-छात्रायें पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करने के अलावा सामाजिक दायित्व का कुशलता से निर्वहन एवं राष्ट्र निर्माण के पथ पर कदम रखते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि छात्र-छात्राओं का शिक्षा के साथ-साथ महाविद्यालय में होने वाली विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खेलकूद की गतिविधियों के माध्यम से सर्वांगीण विकास होगा। ठा0 युगराज सिंह महाविद्यालय, फतेहपुर नगर एवं प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज में सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय का गौरव अर्जित करते हुए यश-कीर्ति की शाश्वत पताका फहरायेगा।
आप सभी को शुभकामनाओं सहित